डिप्रेशन को दावत दे रहीं सोशल नेटवर्किंग साइट्स!
डिप्रेशन को दावत दे रहीं सोशल नेटवर्किंग साइट्स! मोबाइल फ़ोन और इंटरनेट मोबाइल फ़ोन और इंटरनेट की दुनिया ने आज हमारे लाइफ स्टाइल को बदल कर रख दिया है। आज हम हर तरफ से मोबाइल, इंटरनेट से घिरे हुए हैं , सोशल नेटवर्किंग साइट्स ने तो मानो जैसे हमको पूरी तरह से अपने वश में कर लिया हो. खासकर की युवा वर्ग के छात्र-छात्राएं तो 24 घंटे में 16-16 घंटो तक या तो इन साइट्स पर ऑनलाइन रहते हैं या फिर दिन रात मोबाइल फ़ोन पर लगे रहते हैं। रास्ते में चलते-चलते भी उनके हाथों की उंगलियां मोबाइल फ़ोन के की पैड पर ही रहती हैं. मोबाइल फ़ोन भी सोचता होगा कमवख्त किसके हाथो में आ गया कभी आराम ही नहीं लेने देता. कुछ यूं कह लीजिये की इस मोबाइल फ़ोन, फेसबुक और इंटरनेट पर हमारी एक अलग ही दुनिया है, एक ऐसे लोगों की दुनिया जिनसे हम कभी मिले भी नहीं होते, दुनिया के किसी भी कोने में रहने वाला आदमी हमारा दोस्त बन जाता है, जबकि हमको अपनी वास्तविक दुनिया के बारे में कुछ खबर नहीं होती। हमारे पास इतना समय भी नहीं होता कि अपने आसपास में रहने वाले लोगो के सुख-दुःख म...